एक स्थानीय अदालत ने डडूमाजरा के दो युवकों को मोबाइल फोन छीनने के आरोप में सात साल सश्रम कारावास (आरआई) की सजा सुनाई है। ₹सितंबर 2020 में सेक्टर -43 आईएसबीटी में एक रिक्शा चालक से 1,600 नकद।
दोषी राजीव उर्फ रॉकी और मनु उर्फ मोनू की उम्र क्रमश: 21 और 19 साल है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जयबीर सिंह की अदालत ने उन्हें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 379-ए (स्नैचिंग) के तहत दोषी ठहराया था और जुर्माना भी लगाया था। ₹जोड़ी पर 25,000। जुर्माना नहीं देने पर उन्हें एक साल का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा।
प्राथमिकी के अनुसार, 20 सितंबर 2020 को शिकायतकर्ता हनुमान आईएसबीटी में एक चाय की दुकान के पास सो रहा था, तभी दो युवक रात 2 बजे मोटरसाइकिल से वहां पहुंचे और उसे बीड़ी के लिए जगाया।
मना करने पर उन्होंने उसे थप्पड़ मारा और उसका मोबाइल फोन, चार्जर और पर्स छीन लिया ₹1600 नकद लूट कर फरार हो गए।
झपटमारी को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपितों में लूट का सामान व रुपये के बंटवारे को लेकर मारपीट हो गई थी। राजीव ने मनु के सिर पर पत्थर मारा था और आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत एक अलग मामला दर्ज किया गया था, जिसके लिए वह एक अलग मुकदमे का सामना कर रहा है।
अभियोजन पक्ष ने आठ गवाहों की जांच की और स्थापित किया कि कैसे सेक्टर 43/44 प्रकाश बिंदु के पास उनकी लड़ाई के बाद दोनों से छीना गया फोन बरामद किया गया, जिसके बाद मनु को पीजीआईएमईआर में स्थानांतरित कर दिया गया और राजीव को गिरफ्तार कर लिया गया।
बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि आरोपी से कोई पैसा बरामद नहीं किया गया और बरामद फोन का सिम पेश नहीं किया गया और इसका स्वामित्व साबित नहीं हुआ। इसके अलावा, आईएसबीटी से कोई सीसीटीवी फुटेज भी पेश नहीं किया गया।
हालांकि, अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष उचित संदेह से परे दोनों अभियुक्तों के खिलाफ दोष सिद्ध करने में सक्षम था।
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